कुंडा के मनगढ़ धाम में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। जन्म के साथ ही कन्हैया की आरती, अभिषेक और पूजन हुआ। भक्तों ने सोलह शृंगार कर भगवान को पालने में बिठाया और पालना झुलाने के लिए होड़ लग गई।
पुजारी ने विधि विधान से आरती, अभिषेक और पूजन किया और भक्तों को प्रसाद वितरित किया। नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल के जयकारे से भक्तिधाम गूंज उठा। आतिशबाजी की सतरंगी रोशनी में कृपालु धाम मनगढ़ नहा उठा।
सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह था। भक्ति मंदिर के सत्संग हाल में सुबह से ही भजन कीर्तन चलता रहा। राधे राधे गोविन्दा, गोविन्द राधे की मधुर संकीर्तन से पूरा मंदिर गूंजता रहा। जगदगुरु कृपालु परिषत की अध्यक्ष डॉ. विशाखा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी ने भगवान श्रीकृष्ण, राधा रानी और कृपालुजी की आरती और अभिषेक किया।
झांकियों के विहंगम दृश्य का आनंद लेने के लिए हजारों श्रद्धालु बाहर से आए और राधा कृष्ण मंदिर में भगवान बांके बिहारी के दर्शन किए। शाम ढलते ही संकीर्तन की तैयारियां शुरू हो गईं और रात 12 बजे भगवान का जन्म हुआ। नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा। भक्तों ने मंदिर परिसर में उपहार लुटाए और भगवान को गंगा जल, दूध, दही, मधु और पंचामृत से स्नान कराया।
मंदिर की सोलह शृंगार कर विधि विधान से पूजा की गई और रात डेढ़ बजे भगवान की शयन आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। समारोह की सुरक्षा और आयोजन की जिम्मेदारी अपर पुलिस अधीक्षक संजय राय ने संभाली। उन्होंने पुलिस टीम के साथ पूरे दिन भ्रमण किया और शाम को बढ़ी भीड़ के बीच शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
मनगढ़ में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह को देखने के लिए अमेठी, सुल्तानपुर, वाराणसी, कानपुर, रायबरेली, गोरखपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, बलिया तक के लोग आए। सुबह से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और शाम तक नगर वाहनों से भर गया। पार्किंग स्थल भर जाने के कारण कुछ वाहनों को डायवर्ट कर दूसरा मार्ग अपनाना पड़ा, जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इंडिया न्यूज 24 लाइव से ब्यूरो चीफ अनुराग उपाध्याय की रिपोर्ट